Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -02-Mar-2023 भ्रूण का दर्द

शीर्षक- भ्रूण का दर्द

माॅं मैं तो अभी कली,
बनने दो मुझे फली।

माॅं सुन मेरी बात,
मुझे देखना है संसार।

कोख में न मार मुझे,
तेरी गोद का सुख दे मुझे।

दादी को तो समझाना,
बनूंगी ऑंख का तारा।

तेरे ऑंगन में चहकुगी,
हर जगह महकुगी।

बापू का करूंगी रोशन नाम,
 होगा संसार में सम्मान।

तेरी बनूंगी परछाई,
सारे रिश्ते निभाऊंगी माई।

कभी कुछ ना कहुगी तुझे,
देखने दे संसारे मुझे।

सुन बेटा मैं भी चाहती तुझे देखना,
हो मेरे अंगने में तेरा पहरा।

तेरे नन्हे नन्हे कदम,
चले तू डगमग डगमग।

देखे थे मैंने तेरे सपने,
हो बेटी मेरे अंगने।

पायल की हो झंकार,
वाणी की हो टंकार।

किससे कहूं मेरी पीर,
बहते नैनो में नीर।

सुनकर मां का दुखड़ा,
आंसुओं से धोया मुखड़ा।

कुछ ना बोली बेटी,
अरमानों की बंद कर दी पेंटी।

मोन हुआ उसका दर्द,
किसे कहे अपना मर्म।

सिकुड़ी रही पंखुड़ी,
 मुरझा गई अब कली।

सुनो सभी भाई बहना,
समझो मां की पीड़ा।

आने दो मुझे जग में,
ना मारो जन्म से पहले।

क्यों बनते हो तुम पाप के भागी,
बचानी है बेटी लो यह जिम्मेदारी।।

रो रो के सब को समझाती,
जग में है हमारी हिस्सेदारी।।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया

   17
7 Comments

Gunjan Kamal

04-Mar-2023 06:37 PM

सुंदर प्रस्तुति

Reply

Renu

03-Mar-2023 10:03 PM

👍👍🌺

Reply

बहुत खूब

Reply